सवाईमाधोपुर की जनता की अपेक्षाओं को पूरा करती दिया कुमारी
कहते है जनप्रतिनिधि जनता की आवाज होता है इसीलिए जनप्रतिनिधि को अपने अधिकारों और कर्तव्यों का ध्यान रखते हुए क्षेत्र के चहुमुँखी विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहना चाहिये।
समाज का हर वर्ग अपने नेता से सुरक्षा, विकास और समस्या के त्वरित निराकरण की अपेक्षा रखता है। जनप्रतिनिधि द्वारा किये गये कार्य वर्तमान और भविष्य को विकास के पथ पर सुरक्षित और सदैव मार्गदर्शित करते हैं।
ऐसे ही एक जनप्रिय नेता है दिया कुमारी जिन्हें बचपन से ही राजनीति, देशभक्ति और जनसेवा की प्रेरणा और माहौल मिला जिसके कारण आज वो विकास और समपर्ण का पर्याय बन गई है।
दिया कुमारी ने सशक्त विकास की राह में गहराईयों का अध्ययन करते हुए यह महसूस किया कि जब तक बालिकाओं का प्रारम्भिक से उच्च स्तर तक शिक्षा, हर गांव में चिकित्सा सुविधा, गांव-ढाणी-शहर तक आवागमन कनेक्टिविटी, सीवरेज कार्य, युवाओं को रोजगार, खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन व खेलों के माध्यम से रोजगार और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासतों का संरक्षण व नवीनकरण पर्यटन को बढ़ावा व रोजगार सृजन, उद्योगों की स्थापना जैसे अनूठे प्रयास नहीं होंगे तब तक विकास सम्भव नहीं है इसी के चलते राजनीति में अपना पहला कदम रखते हुए सवाईमाधोपुर की विधायक रहने के दौरान दिया कुमारी ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए ग्रामीण और शहरी विकास, बालिका शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, खेल, सांस्कृतिक व रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया जिसकी क्षेत्रवासियों द्वारा हमेशा प्रशंसा की जाती रही है। दिया कुमारी ने हमेशा से यह प्रयास किया है कि वे स्वयं एक समर्पित जनप्रतिनिधि रहे वहीं उन्होंने जनता से एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों और दायित्वों के निर्वहन की अपेक्षा की है।
शिक्षा हमारे जीवन का आधार होती है और उसकी महत्ता और अधिक जब बढ जाती है जब यह शिक्षा बालिका को दी जाए। क्योंकि बालिका आने वाले भविष्य की निर्माता होती है और उसके शिक्षित होने से भावी पीढी भी संस्कारवान बनती है। इसे ध्यान में रखते हुए दिया कुमारी ने सवाईमाधोपुर में बालिका शिक्षा व उच्च शिक्षा के लिए निम्नलिखित कार्य किये गये
- 13 करोड़ रूपये की लागत से मकसुदनपुरा में देवनारायण आवासीय विद्यालय का कार्य पूर्ण ।
- राजकीय कन्या महाविद्यालय पी.जी. में कर्मोन्नत।
- राजकीय महिला महाविद्यालय के लिए एक करोड की स्वीकृति।
- क्षेत्र के कई प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक में उच्च प्राथमिक को माध्यमिक में और माध्यमिक को उच्च माध्यमिक में कमोन्नत करवाया गया।
- राजकीय कन्या पी.जी. महाविद्यालय में हिन्दी व व्यावसायिक प्रबंधन व गृह विज्ञान विषय की स्वीकृति
- RMSA के तहत लगभग 33 विद्यालयों का मरम्मत व निर्माण कार्य करवाया गया जिसके लिए कुल राशि लगभग 01 करोड 80 लाख रूपए का आवंटन किया गया। क्षेत्र में विभिन्न विद्यालयों व कॉलेज में रिक्त अध्यापकों, व्याख्याताओं के पदों पर पदस्थापन करवाए गए।
- राजकीय स्वामी विवेकानन्द मॉडल विद्यालय,सूरवाल भवन निर्माण का कार्य पूर्ण।
- राजकीय विद्यालयों में आई.सी.टी. लैब का निर्माण।
सड़के न सिर्फ दो स्थानों को आपस में जोडने का माध्यम होती है अपितु किसी भी क्षेत्र किये गये विकास कार्य का परियायक होती है। आपस में कनेक्टिविटी समय और श्रम की बचत करती है इसी को ध्यान में रखते हुए दिया कुमारी ने विभिन्न गौरवपथो, मिसिंग लिंक सडकों और नॉन पेचेबल सड़कों का जाल बिछाया साथ ही क्षेत्र में लम्बे समय से चली आ रही मांग की आवश्यक महत्वपूर्ण सड़कों को बनवाया
- राशि 21 करोड का भैरू दरवाजे के पास अतिरिक्त कैरिज वे का निर्माण कार्य पूर्ण ।
- राशि 11 करोड़ की बहतेड से मलारना स्टेशन वाया मलारना डूंगर सडक निर्माण कार्य पूर्ण।
- ओलवाडा से मलारना स्टेशन तक 33 करोड़ की सड़क का कार्य पूर्ण ।
- हम्मीर सर्किल से सामान्य चिकित्सालय तक डिवाइडर मय सड़क का कार्य पूर्ण ।
- हम्मीर सर्किल से त्रिनेत्र गणेश चौराहा तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण ।
- लालसोट से शिवपुरी तक की सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करवाया।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व राज्य की अन्य योजना के तहत विधानसभा क्षेत्र सवाई माधोपुर में विभिन्न सड़कों का निर्माण कार्य।
- सवाई माधोपुर में हम्मीर ब्रिज के चौडाईकरण व मरम्मत हेतु सार्थक प्रयास करते हुए डीपीआर बनाने की स्वीकृति।
- 28 नॉन पेचेबल सड़के 917 किमी की राशि 2363.01 लाख की 36 गौरवपथ 31.84 किमी के 1983 लाख के , 07 मिसिंग लिंक सड़क 23.55 किमी की 113782 लाख की एंव शहरी गौरवपथ का निर्माण।
"स्वस्थ शरीर निरोगी काया " हमारे मानसिक और शारीरिक विकास का परिचायक होती है और यदि समय रहते किसी को चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो जाए तो बीमारी को प्रारम्भ में ही समाप्त किया जा सकता है और बड़ी बीमारियों की रोकथाम होती है। दिया कुमारी ने गांव से लेकर शहर तक समान एंव समय पर चिकित्सा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा क्षेत्र में निम्नांकित महत्वपूर्ण कार्य किये-
- सामान्य चिकित्सालय में MCH भवन का निर्माण कार्य पूर्ण।
- कुण्डेरा में सीएचसी भवन के लिए 3 करोड 25 लाख की लागत से निर्मित भवन का कार्य पूर्ण।
- जिला अस्पताल में TFC के अन्तर्गत मरम्मत व निर्माण कार्य के लिए 01 करोड रूपए, D.E.I.C. के लिए 75 लाख रुपए , मोर्चरी निर्माण व मरम्मत के लिए लगभग 31 लाख रूपए के कार्य।
- नवीन खोले गए शहरी PHC बजरिया के निर्माण हेतु 75 लाख रूपए UPHC मरम्मत हेतु 10 लाख रूपए के कार्य। तीन PHC की मरम्मत के लिए 15 लाख रूपए प्रत्येक के हिसाब से कुल 45 लाख रूपए के कार्य। एक ऐड पोस्ट में आवासीय क्वार्टर के लिए 8 लाख रूपए का कार्य।
- पालनागृह का निर्माण कार्य।
- सामान्य चिकित्सालय में धर्मशाला का निर्माण 01 करोड की लागत से किया गया वहीं CHC मलारना डूंगर डूंगर में भी 50 लाख की लागत से धर्मशाला का निर्माण किया गया।
- लगभग 10 करोड़ की राशि सामान्य चिकित्सालय में Underground Parking, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, 10 आवास के लिए और लोरवाडा मकसुदनपुरा, भडेरडा की PHC निर्माण के लिए स्वीकृत किये गये।
- मानटाउन व शहर में दो नये सैटेलाईट हॉस्पीटल खोले गए।
- मलारना स्टेशन और लोरवाडा, मानटाउन उप स्वास्थ्य केन्द्र को पी.एच.सी. में कर्मोन्नत किया गया।
- आंचल मदर मिल्क बैंक का निर्माण कार्य।
- क्षेत्र को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सी-आर्म मशीन , डिजीटल एक्सरे मशीन सैमी ऑटो ऐनालाईजर मशीन, 100 पलंग 8 लेबर टेबल 4 बैड आसीयू 4 वैल्टीनेटर, आदि उपकरण लगाए गए।
- विशाल निःशुल्क नेत्र चिकित्सा कैम्प, सहित विभिन्न रोगों के निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन।
- विभिन्न चिकित्सालयों और चिकित्सा केन्द्रों पर रिक्त चले आ रहे चिकित्साकर्मियों के पदों पर पदस्थापन करवाया गया ताकि समय पर चिकित्सा सुविधा मिले।
- रक्तदान शिविरों का आयोजन।
- योगा आदर्श भवन का निर्माण
- 108 एम्बूलैंस की स्वीकृति।
- सामान्य चिकित्सालय में कैंसर व टी.बी. यूनिट की शुरूआत।
युवा वर्ग भविष्य की आशा है। वे राष्ट्र निर्माण में सबसे ऊर्जावान भाग में से एक हैं। सामाजिक परिवर्तन की मुख्य शक्ति व आधार है ऐसे में उनसे बहुत उम्मीदें होती है। सही मानसिकता और क्षमता के साथ युवा राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ऐसे में उन्हें कौशल विकास व तकनीकी शिक्षा दिया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
युवा रोजगार को प्राप्त कर सके और समाज की मुख्य धारा का महत्वपूर्ण अंग कायम रह सके इसलिए दिया कुमारी ने सवाईमाधोपुर में युवाओं के लिए निम्नांकित कार्य किये-
- देश सेवा में अपनी अभिलाषा के कारण सवाईमाधोपुर में सेना भर्ती शिविर का आयोजन युवा वर्ग की लम्बे समय से चली आ रही मांग था। जिसके चलते सवाईमाधोपुर में पहली बार सैनिक भर्ती शिविर का आयोजन किया गया जिसमें सवाईमाधोपुर सहित आस-पास के युवाओं को रोजगार के साथ देश सेवा का प्राप्त हुआ।
- क्षेत्र में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से लगभग 25 रोजगार मेलों और प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिला अपितु उन्हें रोजगार व प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया गया।
- क्षेत्र में सर्किल एजूकेशन केन्द्रों और कैम्पों का आयोजन किया गया जिसमें युवाओं को स्वरोजगार हेतु आत्मनिर्भर बनाए जाने के लिए प्रशिक्षण दिये गये।
जल ही जीवन है और स्वच्छ व शुद्ध पेयजल स्वास्थ्य के लिए वरदान होता है। सवाईमाधोपुर में पेयजल की कमी थी, नांदोती-चम्बल मण्डरॉयल का काम रूका हुआ था, पानी का अन्य कोई जरिया नहीं था इस कारण यह कमी एक संकट के रूप में सामने आई। दिया कुमारी ने अपनी प्राथमिकताओं में क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था को अग्रणी मानते हुए प्रयास किये जिसकी सफलता बनास और अन्य बैंकों के कार्य पूर्ण होने पर प्राप्त हुई। आज सवाईमाधोपुर पेयजल संकट से मुक्ति पा चुका है। दिया कुमारी द्वारा कराए गए कार्यों में कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण-
- सवाईमाधोपुर में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए तीन इन्टेक वेल बनाकर 15 करोड की बनास परियोजना का कार्य पुर्ण।
- चम्बल मण्डरॉयल पेयजल परियोजना को सवाईमाधोपुर लाने के सकारात्मक प्रयास किये गये
- ढील मध्यम सिंचाई बांध परियोजना में मरम्मत व रखरखाव आदि कार्य के लिए 28 करोड रूपए की स्वीकृति जारी करवाई गई। इस स्वीकृति से नहरों के सुदृढीकरण जीर्णोद्धार व मरम्मत हेतु रिनोवेशन , आउटलेट वर्क, वीआरबी और फॉल्स रिपेयर एक्स रेगुलेटर सोलर पम्प फूट ब्रिज आदि का कार्य किया जाएगा।
- सूरवाल, खिरणी, खिलचीपुर, चांदणी . मलारना डूंगर पेयजल योजना स्वीकृत।
- विधानसभा क्षेत्र सवाईमाधोपुर में नवीन हैण्डपम्प सिंगलफेज खुदवाए गए और मरम्मत कराए गए वहीं कई स्थानों पर आर.ओ. प्लान्ट व सोर ऊर्जा से संचालित सिंगलफेस लगाए गए।
- मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान से क्षेत्रवासियों को लाभांवित किया गया।
सवाईमाधोपुर रणथम्भौर टाईगर रिजर्व और त्रिनेत्र गणेश मंदिर के कारण पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आस्था का केन्द्र रहा है। यही कारण है कि यहां पर बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी होटल व्यवसाय से जुड़े हुए है। होटल मालिकों द्वारा कई बार अच्छे होटल कर्मिकों की आवश्यकता महसूस की जाती थी वहीं उन्हें अधिक वेतन पर बाहर से कर्मचारी लगाने पड़ते थे, ऐसे में स्थानीय युवाओं को होटल व्यवसाय में प्राथमिकता मिले और वह शिक्षा उनके रोजगार का माध्यम बने इसलिए दिया कुमारी ने नवाचार करते हुए निम्नांकित कार्य किया
- स्टेट होटल मैनेजमेंट इन्स्टीटयूट की स्वीकृति और इस कार्य हेतु 10 करोड रूपए का बजट स्वीकृत पर निर्माण कार्य पूर्ण। इस इन्स्टीटयूट के माध्यम से होटल व्यवसायी और स्थानीय युवकों दोनों को फायदा मिल रहा है,
- रणथम्भौर नेशनल पार्क में गाईड भर्ती करवाई।
- बन्द पडे शिल्प ग्राम को दुबारा शुरू करवाया।
- रणथम्भौर नेशनल पार्क की बुकिंग विण्डो को शिल्प ग्राम स्थापित करवाया।
ऐतिहासिक सवाईमाधोपुर रणथम्भौर जहां अपने स्थापत्यकलां, टाईगर सफारी, पर्यटन और दर्शनीय स्थलों के कारण पूरे विश्व में पसंदीदा स्थान रहा है वहीं दिया कुमारी का पारिवारिक जोड़ा का केन्द्र भी रहा। अपने पूर्वजों की कर्मस्थली को दिया कुमारी ने अपना आदर्श मानते हुए अन्य शहरों की भांति एक नई पहचान दिलाने का हर सम्भव प्रयास किया।
दिया कुमारी ने जयपुर की ही भांति बसावट वाले सवाईमाधोपुर को जयपुर की तर्ज पर विकसित करने के लिए वहां की जनता को अपना परिवार समझते हुए कदम आगे बढाए जिस पर उन्हें सफलता भी मिली और जहां सवाईमाधोपुर को एक नई पहचान मिली वहीं दिया कुमारी को भी जनता का अपार स्नेह व समर्थन प्राप्त हुआ इस कम में निम्न नये नवाचार किये गये-
- जयपुर की भांति ही सवाईमाधोपुर में भी तीज व गणगौर माता की सवारी की शुरूआत।
- सवाई माधोपुर स्थापना दिवस के अवसर पर सवाईमाधोपुर उत्सव की शुरूआत और भव्य कार्य मां का आयोजन।
- शिल्पग्राम को Axis Development Services, Jaipur के माध्यम से विकसित किया गया।
खेल न सिर्फ व्यक्ति को शारीरिक रूप से मजबूत बनाते है बल्कि मनसिक रूप से भी सुदृढ बनाते है, एक स्वस्थ शरीर रोगों से बचा रहता है। सवाईमाधोपुर में खेल प्रतिभाएं अपना प्रदर्शन करना चाहती थी और खेलों से अपने रोजगार का माध्यम भी बनान चाहती थी। इस बात को दिया कुमारी ने पहचाना और सवाईमाधोपुर में खेल क्षेत्र में खिलाडियों को प्रतियोगिताओं व व्यवस्थाओं के माध्यम से एक मंच उपलब्ध कराया
- स्टेडियम में निर्माण कार्य लिए 2 करोड 25 लाख की स्वीकृत कराए गए जिसमें स्टेडियम संबंधी विकास निर्माण कार्य के साथ ही विभिन्न प्रकार के खेलों के ग्राउण्ड और कोर्ट बनाए गए का कार्य पूर्ण।
- राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में तीरंदाजी सेन्टर का संचालन।
- विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन।
- जिला स्तर पर तीरंदाजी सेन्टर की स्थापना।
प्रकाश जीवन में आशा का सूचक है और यह आज जीवन का अभिन्न अंग है सवाईमाधोपुर में कई ऐसे स्थान थे जहां या तो बिजली नहीं थी या फिर सप्लाई की परेशानी थी। दिया कुमारी ने सर्वत्र प्रकाश को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण कार्य किये
- कुतलपुरा, मलारना डूंगर कुण्डेरा, सांकडा और बाडोलास ( कुल 05 स्थान ) में नए जीएसएस खोले गए (लागत 90 लाख का कार्य)
- सवाई माधोपुर से जमूलखेडा तक डबल सर्किट लाइन डाली गई।
- चिर-प्रतीक्षित मांग मानोली बैरवा बस्ती में बिजली सप्लाई प्रारम्भ की गई।
- सड़कों पर रोड लाईटस लगवाई गई
- झुलते हुए तारों को दुरूस्त करवाया गया।
- दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में कुल 233 नए Transformers लगाए गए।
- वार्ड नम्बर 9 और 28 में हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग का कार्य
पशु-पक्षी जीव हमारे लिए प्रकृति की देन है और यह हमारे सहयोगी के रूप में सदियों से साथ निभाते आए है। प्रत्येक जीव के प्राणों की रक्षा मानव धर्म में आता है। पशु किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है ऐसे में इनका स्वस्थ रहना अत्यन्त आवश्यक है। दिया कुमारी ने पशुधन के संरक्षण व जीव मात्र की रक्षा हेतु पशु चिकित्सा को महत्वपूर्ण मानते हुए निम्नांकित कार्य करवाए-
- कुल 15 नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले गए और पशु उपकेन्द्र मलारना चौड को कर्मोन्नत किया गया।
- बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन का इन्सटॉलेशन कार्य
- बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में एक्सरे मशीन मय सीआर सिस्टम इन्स्टॉलेशन कार्य •विभिन्न टीकों के रखरखाव हेतु कोल्ड चेन मेंटेन करने के लिये जिलास्तर पर कोल्ड स्टोरेज रूम का निर्माण।
- पशुपालन भवनों का मरम्मत व निर्माण कार्य
- विभिन्न पशु चिकित्सा केन्द्रों पर रिक्त चले आ रहे पशु चिकित्सकों व कर्मिकों के पदों पर पदस्थापन
- विभिन्न पशु संस्थान जो राजकीय भवनों में संचालित है उनमें विद्युत फिटिंग मय कनेक्शन कार्य।
- बीमार गायों को लाने व लेजाने के लिए एम्बुलेंस प्रदान की।
किसान समाज के अन्नदाता होते है जो तपती धूप व कडकडाती सर्दी में जवान की भांति खेतों में डटकर अपनी मेहनत से हमारा पालन करते हैं ऐसे में उन्हें अपनी फसल का सही मूल्य और सुविधाएं मिले यह जनप्रतिनिधि का दायित्व हो जाता है। दिया कुमारी ने कृषक वर्ग की भावनाओं का हमेशा सम्मान करते हुए निम्न कार्य किये
- भाडोती में गौण मण्डी की स्वीकृति ।
- फ्लोरिकल्चर तथा एक्जोटिक वेजीटेबल एक्सीलैंस सेन्टर की स्वीकृति।
- अमरूदों की नर्सरी के लिए 40 बीघा भूमि आवंटन।
- विभिन्न कृषि पर्यवैक्षकों के रिक्त पदों पर पदस्थापन करवाए गए।
- किसानों को उन्नत बीज, खाद व उपकरणों को उपलब्ध करवाया गया।
- किसानों के लिए बनाई गई योजनाओं का उन्हें लाभ दिलवाया गया।
आर्थिक तन्त्र को मजबूत बनाने के लिए व्यापारियों को अच्छा औद्योगिक वातावरण व सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना अत्यन्त आवश्यक है। सवाईमाधोपुर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के कारण प्रतिबंधों के तहत औद्योगिक क्षेत्र में पिछडा हुआ था। यहां कारखाने और उद्योग स्थापित नहीं होने के कारण यहां बडी संख्या में युवाओं को रोजगार के अन्यत्र जाना पड़ता है वहीं रोजगार के अवसर बनाना यहां के लिए एक चुनौती रही है, ऐसे में भविष्य में रोजगार की राह मजबूत हो सके और ऐसे उद्योगों का विकास हो जो कि पर्यावरण सन्तुलन के साथ रोजगार सृजित कर सके इसलिए दिया कुमारी ने तत्समय सवाईमाधोपुर में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की पहल की जिससे भविष्य में यहां के निवासियों को रोजगार मिल सके इसलिए निम्नलिखित कदम उठाए गए -
- रीको को औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु दुब्बी बनास में 247 हैक्टेयर भूमि उपलब्ध करवा कर रिको क्षेत्र की स्थापना।
- विभिन्न बडे उद्योगपतियों को सवाईमाधोपुर में विनिवेश के लिए आमंत्रित किया गया।
- प्रिंसेस दिया कुमारी फाउण्डेशन के माध्यम से महिलाओं के लिए स्वरोजगार हेतु कार्यक्रमों व प्रशिक्षणों का आयोजन।
गति के माध्यम से बचाए हुए समय का सदुपयोग व समय की बचत व व्यक्ति के उत्थान का परिचायक होती है सवाईमाधोपुर से कोटा रेल विद्द्युतीकरण था परन्तु सवाईमाधोपुर से जयपुर रेल विद्द्युतीकरण और दोहरीकरण क्षेत्रवासियों की प्रमुख मांग था
दिया कुमारी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में इस कार्य को सम्मिलित किया जिसके तहत निम्न कार्य को स्वीकृति मिली-
- सवाई माधोपुर-जयपुर रेल लाइन विद्द्युतीकरण की स्वीकृति कार्य प्रगति पर ।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल भारत के सपने और युवाओं को प्रोत्साहित करने को ध्यान में रखते हुए दिया कुमारी ने डिजीटल गांव की राह से डिजीटल भारत के सपने को साकार करने का प्रयास किया जिसके चलते उन्होंने अपने क्षेत्र के गांव जटवाडांकला निवासी ग्रामीण परिवेश से जुडे युवक हरी मरमट की आई.टी. प्रतिभा को प्रोत्साहित किया। जिसके द्वारा अपने गांव जटवाड़ा कलां सहित कुल सात गांवों क्रमशः खिरणी, कुण्डेरा,चकेरी, खिलचीपुर मकसुदनपुरा सुनारी की वैबसाईट बनाई जिसे सरकार की विभिन्न योजनाओं अभियानों, स्थानीय प्रशासन, गांव का स्थापत्य आदि की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई गई। दिया कुमारी प्रतिभा को पहचानकर युवक को प्रोत्साहित करना और गांवों को डिजिटल कराना राजस्थान में अपने आप में यह एक अनूठा उदाहरण रहा जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की गई। दिया कुमारी,का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि वह प्रतिभावानों को आगे प्रोत्साहित कर आगे लाए।
समाज में लोकतन्त्र को मजबूत करने के लिए NGO महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे देश में महिलाओं को आत्मनिर्भर जागरूक बनाते हुए उन्हें सक्षम बनाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। दिया कुमारी जब सवाईमाधोपुर से जनप्रतिनिधि चुनी गई तब उन्होंने महसूस किया कि वहां महिलाओं को सशक्त बनाए जाने की आवश्यकता है इसलिए उन्होंने महिलाओं के विकास के लिए हर सम्भव प्रयास करने का मन ही मन मानस बना लिया जिसके चलते महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च 2014 को "प्रिंसेस दिया कुमारी फाउंडेशन"(PDF) की स्थापना की। इस फाउण्डेशन ने जयपुर सहित सवाईमाधोपुर में लगभग 500 महिलाओं को NGO में रोजगार उपलब्ध कराया है, जिससे उनके हुनर को प्रोत्साहन मिला और उनकी प्रतिभाएं सामने आई , जिसके कारण उनमें हस्तकलां का तो विकास हुआ ही है वहीं दूसरी ओर वह सक्षम होकर अपने परिवार का भी पालन पोषण कर रही है। CSR गतिविधियों के चलते इस NGO के माध्यम से सवाईमाधोपुर में नेत्र चिकित्सा सहित विभिन्न रोगों के कई विशाल निःशुल्क चिकित्सा कैम्पों, रक्तदान शिविरों का आयोजन किया है, जिसमें बड़ी संख्या में रोगियों को लाभांवित किया जा सका है। संस्था द्वारा चिकित्सालय में संचालित हैल्प डेस्क रोगियों और उनके ईलाज में काफी कारगर साबित हुई। चिकित्सालय में अपने आप में यह एक सराहनीय कदम रहा।
किसी भी शहर का सौन्दर्य और स्वच्छता वहां आने वाले पर्यटकों के लिए वहां के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की सोच और सक्रियता का दर्पण होती है जो उसके चिर-स्मृति में रहती है। दिया कुमारी ने इसी बात का ध्यान रखते हुए शहर में सीवरेज स्वच्छता पाक्कों के सौन्दर्यकरण, जीर्णोद्धार के लिए ऐसे निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य करवाए-
- विधायक कोष से विभिन्न विभागों के कार्यों के संबंध में लगभग 10 करोड 75 लाख स्वीकृति जारी कर कार्य करवाया।
- अमृत योजना के तहत 15 पार्कों का विकास, रणथम्भौर रोड पर सृदढीकरण व सौन्दर्यकरण।
- अमृत योजना के तहत सवाईमाधोपुर शहर में सीवरेज लाइन हेतु 112 करोड़ रूपए की स्वीकृति कार्य प्रगति पर।
- सरस पार्लर का शुभारम्भ
- नगरीय क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन हेतु 10 ऑटो टेम्पर उपलब्ध कराएं गए
- रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की 1 किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों में लगभग 16500 गैस कनेक्शन वितरित किये जा चुके हैं।
- वनों की सुरक्षा हेतु कदम उठाए गए।
- राज्य और केन्द्र की योजनाओं से क्षेत्रवासियों को समय पर लाभांवित करवाया गया।
- लटिया नाले की सफाई व सुदृढीकरण का कार्य की डीपीआर बनवाई।
- महिला सुरक्षा तथा जन सुरक्षा हेतु लॉ एण्ड ऑर्डर कायम करवाना अपराधों पर नियन्त्रण के लिए रात्रि गश्त को बढ़ाना।
- नशा मुक्ति के लिए जागरूक किया।
इसके अतिरिक्त दिया कुमारी राजस्थान की बेटी बचाओ की ब्रांड एम्बेसेडर रही जिसके कारण उनके द्वारा अपने संवादों, भाषणों में हमेशा नव परिवर्तन के लिए निम्नलिखित संदेशों का समाज से आह्वान किया जाता रहा -
- बेटे-बेटी को समान मानते हुए बेटी जन्म पर उत्सव मानते हुए कन्या भ्रूण हत्या रोकने और बेटी को जन्म का अधिकार देने का समाज में बेटी के प्रति सोच को बदलने के प्रयास।
- दो पीढ़ियों के मध्य संस्कारों की संवाहिनी महिलाओं का प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात स्वास्थ्य का ध्यान रखे जाने और उन्हें शिक्षित किये जाने का आह्वान।
- युवा वर्ग को सकारात्मक सोच रखते हुए कभी हताश नहीं होना चाहिये आज के समय में सर्किल एजूकेशन को अपनाकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और अपने कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन करने का आह्वान।
- युवा नशा-व्यसनों से दूर रहे और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे।
- बढ़ती महंगाई में मित्वयता और प्रगाढ रिश्तों को ध्यान में रखते हुए सामूहिक विवाह चलन को प्रोत्साहन दिया जाए।
- बिजली पानी बचाने और स्वच्छता रखने के लिए जागरूक किया जाता रहा है।
- रक्तदान किये जाने के लिए प्रेरित किया गया।
- बच्चों को संस्कारवान शिक्षा दी जाए , भारतीय संस्कृति, परम्पराओं का संरक्षण हो।
- महिलाएं सशक्तिकरण के लिए सजग बने।
- शिक्षित समाज के लिए सबको शिक्षा और विशेषकर बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन।